22 दिसं
Tuesday, December 22, 2015
विधेयक पारित, संगीन अपराधों में किशोर आयु 16
विधेयक पारित, संगीन अपराधों में किशोर आयु 16
तिलक
22 दिसं
22 दिसं
देश की आत्मा को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड के तीन वर्ष बाद संसद ने आज किशोर न्याय से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक कोस्वीकृति दे दी जिसमें बलात्कार सहित संगीन अपराधों के मामले में कुछ शर्तों के साथ किशोर माने जाने की आयु को 18 से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है। इसमें किशोर न्याय बोर्ड के पुनर्गठन सहित कई प्रावधान किये गये हैं। देश में किशोर न्याय के क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव डालने वाले किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) विधेयक को आज राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक पर लाये गये, विपक्ष के सारे संशोधनों को सदन नेअस्वीकार कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने के विरोध में माकपा ने सदन से बहिर्गमन किया। इससे पूर्व विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में वे ही अपराध शामिल किये गये हैं जिन्हें भारतीय दंड विधान संगीन अपराध मानता है। इनमें हत्या, बलात्कार, फिरौती के लिए अपहरण, तेजाब हमला आदि अपराध शामिल हैं। उन्होंने संगीन अपराध के लिए किशोर माने जाने की आयु 18 से 16 वर्ष करने पर कुछ सदस्यों की आपत्ति पर कहा कि अमेरिका के कई राज्यों, चीन, फ्रांस सहित कई देशों में इन अपराधों के लिए किशोर की आयु नौ से लेकर 14 वर्ष तक की है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस के आंकड़ों को माना जाए तो भारत में 16 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों में अपराध का चलन तेजी से बढ़ा है। मेनका ने किशोर न्याय बोर्ड में किशोर आरोपी की मानसिक स्थिति तय करने की लंबी प्रक्रिया के संदर्भ में कहा कि ऐसा प्रावधान इसीलिए रखा गया है जिससे किसी निर्दोष को दंड न मिले। सदन में आज इस विधेयक को प्रस्तुत करने और इस पर चर्चा के मध्य 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के माता पिता भी दर्शक दीर्घा में उपस्थित थे।
इससे पूर्व इस विधेयक पर चर्चा के मध्य विभिन्न दलों के सदस्यों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने पर बल दिया। सदस्यों ने किशोर अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जतायी और बाल सुधार गृहों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार को उचित कदम उठाने को कहा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) विधेयक 2015 सदन में चर्चा के लिए रखते हुए कहा कि इसके प्रावधानों से निर्भया मामले में भले ही प्रभाव नहीं होता हो किन्तु आगे के मामलों में नाबालिगों को रोका जा सकता है। उन्होंने सदस्यों से इस विधेयक को पारित करने की अपील करते हुए कांग्रेस से कहा कि यह विधेयक उनका है। उन्होंने कहा कि इसका आरम्भ आपने किया था और हम इसे पूर्ण कर रहे हैं। विधेयक के प्रावधानों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक समग्र विधेयक है। बाल अपराधों के मामले में आयु की सीमा कम किए जाने के प्रावधान वाले इस विधेयक में किशोर न्याय बोर्ड को कई अधिकार दिए गए हैं। मेनका गांधी ने कहा कि किसी भी नाबालिग दोषी को सीधे जेल नहीं भेजा जाएगा। किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार, हत्या जैसे गंभीर अपराधिक घटनाओं में किसी किशोर अपराधी के लिप्त होने के पीछे उसकी मानसिकता क्या थी। बोर्ड यह तय करेगा कि यह कृत्य वयस्क मानसिकता से किया गया है या बचपने में। उन्होंने कहा कि ऐसे नाबालिग अपराधी को भी उच्च अदालतों में अपील करने का अधिकार होगा।
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह विधेयक गत सत्र में और इस सत्र में भी कई दिन चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया था। किन्तु सदन में हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि ऐसी बात की जा रही है कि सरकार इस विधेयक को लाने की इच्छुक नहीं थी। उन्होंने हालांकि कहा कि यह विधेयक विगत काल से प्रभावी नहीं होगा।
विधेयक पर चर्चा का आरम्भ करते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आयु को लेकर पूरे विश्व में अलग अलग राय है और इस संबंध में विभिन्न देशों के अपने कानून हैं। किन्तु हमें भारत में अपने समाज के हिसाब से देखना है। विभिन्न प्रकार के अपराधों में किशोरों का उपयोग किए जाने का उल्लेख करते हुए आजाद ने सुझाव दिया कि उन्हें जेल में अलग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कट्टर अपराधियों के साथ रखेंगे, तो किशोर अपराधियों में सुधार की सम्भावना कम हो जाएगी।
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलकThursday, December 17, 2015
नारे लगाता प्यासा विरोधी, आपको पानी पिलाया मोदी
नारे लगाता प्यासा विरोधी, आपको पानी पिलाया मोदी
तिलक
16 दिसंबर 2015 नई दिल्ली
16 दिसंबर 2015 नई दिल्ली
लोकसभा में आज एक प्रशंसनीय दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री के विरुद्ध नारे लगा रहे आप सदस्य भगवंत सिंह मान को कुछ बेचैनी सी अनुभव हुई, तो नरेन्द्र मोदी ने उन्हें अपना पानी का गिलास थमा दिया। मान ने पानी पीने के बाद प्रधानमंत्री के इस भाव का मुस्कुरा कर आभार जताया और सदन में उपस्थित सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्षी सदस्य, मोदी और विरोधी, भी इस बात पर मुस्कुराते देखे गए।
आप सदस्य मान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में सोमवार को सीबीआई द्वारा की गयी छापेमारी का विरोध करते हुए, कांग्रेस तथा तृणमूल सदस्यों के साथ आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे। मान ‘‘प्रधानमंत्री होश में आओ’’ के नारे लगा रहे थे। वह आसन के समक्ष प्रधानमंत्री मोदी से कुछ ही कदम दूर खड़े थे। इसी बीच नारे लगाते लगाते भगवंत मान की दृष्टी बेचैनी से आसपास पानी ढूंढने लगीं। इसी बीच धीर गंभीर मुद्रा में बैठे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी मेज से पानी का गिलास उठाकर भगवंत मान की ओर बढ़ा दिया। भगवंत मान ने उनके हाथ से गिलास लिया और पानी पी लिया। भगवंत मान ने मुस्कुरा कर इस भाव के लिए प्रधानमंत्री की ओर देखा, तो प्रधानमंत्री और सुषमा भी मुस्कुरा दिए।
मानवीय संवेदना और मानवतावाद के पाखंड में यही अन्तर, मोदी को सबसे भिन्न बनाता है।
विविधता भरे पूरे विश्व में सभी राष्ट्र प्रमुखों से, उसकी और भारत की जय जयकार कराता है।
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Friday, December 11, 2015
महान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती
सुब्रमण्य भारती, சுப்பிரமணிய பாரதி ரஷ்ற்றகவி,
जन्म दिवस 11 दिसं 2015 न दि
बात चाहे साहित्य की हो या राजनीति की, गद्य की हो या पद्य की, तमिल की हो या अंग्रेजी की, सुब्रमण्य भारती का कोई सानी दृष्टी में नहीं आता। भारत के महान कवियों में सुविख्यात भारती ने मात्र साहित्य के क्षेत्र में ही अपना बहुमूल्य योगदान नहीं दिया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने अपना परचम लहराया। महाकवि भारती अथवा महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जुड़े सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, श्री अरविंद और वीवीएस अय्यर जैसी शीर्ष नायकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत को दासत्व की बेड़ियों से बाहर निकालने का प्रयास किया।
तमिलनाडु के 'एट्टायापुरम' गांव में 11 दिसंबर 1882 को तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे सुब्रमण्य की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे, तो उन्हें एक कवि सम्मेलन में बुलाया गया और जहाँ उन्होंने कविता पाठ से प्रभावित किया। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। 1898 में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। आगामी चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् 1900 तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और भगिनी निवेदिता, अरविंद और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया।
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प्रमुख रचनाएँ ‘स्वदेश गीतांगल’ (1908) तथा ‘जन्मभूमि’ (1909) उनके देशभिक्तपूर्ण काव्य माने जाते हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम् और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति ललकार के भाव स्पष्ट हैं। एक कविता में भारती ने ‘भारत का जाप करो’ की राह दी है।
तुम स्वयं ज्योति हो मां,
शौर्य स्वरूपिणी हो तुम मां,
दुःख और कपट की संहारिका हो मां,
तुम्हारी अनुकम्पा का प्रार्थी हूं मैं मां।
(डॉ॰ भारती की कविता ‘मुक्ति का आह्वान’ से)
‘एक होने में जीवन है। यदि हमारे बीच ऐक्य भाव नहीं रहा, तो सबकी अवनति है। इसमें हम सबका सम्यक उद्घार होना चाहिए। उक्त ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमें और क्या चाहिए?’
हम दासत्व रूपी धन्धे की शरण में प़डकर, बीते हुए दिनों के लिए मन में लिज्जत होकर, द्वंद्वों एवं निंदाओं से निवृत्त होने के लिए; इस गुलामी की स्थिति को (थू कहकर) धिक्कारने के लिए ‘वंदे मातरम्’ कहेंगे।
काश ! तमिल अपने प्रेरणा पुञ्ज से प्रकाशित हो कर, अपनी ऊर्जा को जागृत कर,
जड़ों को सुदृढ़ करे। उस राष्ट्र भक्त की जयंती का यही सच्चा उपहार होगा। युगदर्पण
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
http://samaajdarpan.blogspot.in/2015/12/133.html
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
Friday, December 4, 2015
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण (संबोधन में)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण (संबोधन में)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की सुनहरे भविष्य की ओर यात्रा का विवरण देते हुए कहा कि भारत की वर्तमान स्थिति को विश्व के संदर्भ में देखने के साथ-साथ कुछ वर्ष पहले भारत कहाँ था इस संदर्भ में देखना होगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के आर्थिक सुधारों के प्रति अपने दृष्टिकोण का विवरण देते हुए, हाल ही मिली कुछ बड़ी आर्थिक सफलताओं, जिनमें 7.4 प्रतिशत आर्थिक विकास दर और व्यापार करने के लिए सुगमता में उन्नति सम्मिलित है, का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि व्यापार करने के लिए सुगमता में बढ़ोतरी केवल केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने के कारण मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी गई है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि एलपीजी सब्सिडी के प्रत्यक्ष हस्तांतरण और एलईडी लाइटिंग योजना से करोड़ों रूपये की बचत की जा रही है। उन्होंने कहा कि यूरिया में नीम की परत चढ़ाने से इसके कृषि क्षेत्र के अतिरिक्त दूसरे क्षेत्रों में उपयोग को रोकने में सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने बिहार में दो लोकोमोटिव निर्माण इकाईयों के लिए हाल ही में रेल क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का उल्लेख भी किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत बिना बिजली वाले 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्रगति हर कोई ग्रामीण विद्युतीकरण एप के द्वारा देख सकता है।
मोदी का एजेंडा है विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि एलपीजी सब्सिडी के प्रत्यक्ष हस्तांतरण और एलईडी लाइटिंग योजना से करोड़ों रूपये की बचत की जा रही है। उन्होंने कहा कि यूरिया में नीम की परत चढ़ाने से इसके कृषि क्षेत्र के अतिरिक्त दूसरे क्षेत्रों में उपयोग को रोकने में सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने बिहार में दो लोकोमोटिव निर्माण इकाईयों के लिए हाल ही में रेल क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का उल्लेख भी किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत बिना बिजली वाले 18 हजार गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में प्रगति हर कोई ग्रामीण विद्युतीकरण एप के द्वारा देख सकता है।
बने मीडिया विकल्प; पत्रकारिता में आधुनिक विचार, लघु आकार -सम्पूर्ण समाचार -युद।
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Monday, August 10, 2015
अमर शहीद खुदीराम बोस
अमर शहीद खुदीराम बोस
धोतियों पर 'खुदीराम' लिखने लगे थे बंगाल के जुलाहे
स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में खुदीराम बोस एक ऐसा नाम है जो देशवासियों को सदा देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। इस नवयुवक ने मात्र 19 वर्ष की आयु में ही देश के लिए अपना बलिदान दे दिया था। तीन दिसंबर 1889 को पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर में जन्मे खुदीराम ने स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने की उत्कंठा के चलते नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी थी। खुदीराम स्वदेशी आंदोलन में कूद गए और क्रन्तिकारी संगठन पार्टी का सदस्य बनकर वंदे मातरम् पत्रक वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सन 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में भड़के आंदोलन में खुदीराम बोस ने बढ़−चढ़ कर भाग लिया। अंग्रेजों ने 28 फरवरी 1906 को उन्हें बंदी बना लिया किन्तु वह कैद से भाग निकले। दो माह बाद वह फिर से पकड़े गए।
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धोतियों पर 'खुदीराम' लिखने लगे थे बंगाल के जुलाहे
19 वर्षीय शहीद खुदीराम बोस अपने क्रांतिकारी तेवरों के चलते बहुत लोकप्रिय थे। उन्हें फांसी होने के बाद बंगाल के जुलाहे ऐसी धोतियाँ बुनने लगे जिनकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था।
11 अगस्त 2015, नई दिल्ली 
सरकार ने उन्हें आजादी की राह से भटकाने का प्रयास किया किन्तु इस युवक के निश्चय और साहस पर कोई अंतर नहीं पड़ा। अंततः 16 मई 1906 को उन्हें रिहा कर दिया गया। इतिहासवेत्ता शिरोल के अनुसार खुदीराम बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में अत्यधिक लोकप्रिय थे, जिनके बलिदान के बाद नवयुवकों में देशभक्ति की तीव्र उमंग पैदा हो गई थी। छह दिसंबर 1907 को खुदीराम ने नारायणगढ़ रेलवे स्टेशन पर बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की विशेष गाड़ी पर हमला किया किन्तु वह बाल−बाल बच गया।
खुदीराम ने 1908 में दो अंग्रेज अधिकारियों वाट्सन और पैम्फायल्ट फुलर पर हमला किया किन्तु वे भी बच निकले। वह मुजफ्फरपुर के सेशन जज किंग्सफोर्ड से अति रुष्ट थे जिसने क्रांतिकारियों को कठोर दंड दिया था। उन्होंने अपने साथी प्रफुल्ल चंद्र चाकी के साथ मिलकर सेशन जज से प्रतिशोध लेने की ठानी। दोनों मुजफ्फरपुर आए और 30 अप्रैल 1908 को जज की गाड़ी पर बम से हमला किया किन्तु उस समय इस गाड़ी में जज की जगह दो यूरोपीय महिलाएं सवार थीं।
किंग्सफोर्ड के धोखे में दोनों महिलाएं मारी गईं जिसका खुदीराम और चाकी को बहुत दुःख हुआ। पुलिस उनके पीछे लग गई और वैनी रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया। अपने को घिरा देख प्रफुल्ल चंद्र चाकी ने स्वयं को गोली मारकर बलि दे दी जबकि खुदीराम पकड़े गए। 11 अगस्त 1908 को उन्हें मुजफ्फरपुर जेल में फांसी दे दी गई। फांसी के समय उनकी आयु मात्र 19 वर्ष थी। इतिहासवेत्ता शिरोल के अनुसार फांसी के बाद खुदीराम इतने लोकप्रिय हो गए कि बंगाल के जुलाहे ऐसी धोती बुनने लगे जिनकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था। राष्ट्रवादियों ने शोक मनाया और विद्यार्थियों ने कई दिनों तक स्कूल−कॉलेजों का बहिष्कार किया। "अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
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Sunday, June 21, 2015
अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन
अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन
योग के महत्व को बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि योग जीवन को जी भरकर जीने की जड़ी-बूटी है। यदि इसे बिकने वाला माल या ‘बपौती’ बनाया तो सबसे अधिक क्षति योग की ही होगी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजपथ पर लगभग 37 हजार लोगों के साथ योग करने के बाद मोदी ने विज्ञान भवन में योग के महत्व पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘विश्व में कोई मानव ऐसा नहीं है, जो जी भरकर या भरपूर जीवन जीना नहीं चाहता हो और योग जीवन को जी भरकर जीने की जड़ी-बूटी है।’ उन्होंने कहा कि योग का दृष्टिकोण मानवता के लिए सौहार्दपूर्ण जीने की जीवनशैली है। कई लोग योग को व्यवस्था के रूप में देखते हैं। पर योग व्यवस्था नहीं, अवस्था है। उन्होंने कहा कि योग एकात्मता के भाव को आगे बढ़ाता है। यह लालच और हिंसा के भाव को नियंत्रित करता है। यह परिवार, समाज और देशों में भ्रम और द्वेष को दूर करता है। इस सम्मेलन में सउदी अरब, कतर, मलेशिया जैसे कई मुस्लिम बहुल आबादी वाले देशों सहित 36 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने दो स्मारक सिक्के और एक स्मारक डाक टिकट का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब योग के बारे में विश्व की अपेक्षाएं हमसे बहुत बढ़ जायेंगी और हमारा दायित्व है कि विश्व की अपेक्षाओं के अनुरूप हम इसे आगे बढ़ायें और बिकने वाली वस्तु न बनने दें। |
12:10: उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में अपने भाषण का समापन के रूप में "मैं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए विश्व का आभारी हूँ," प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं।
12:06: योग एक वस्तु नहीं है, इसका कभी वाणिज्यीकरण नहीं किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं।
00:02: प्रधानमंत्री ने कहा इस घटना के साथ विश्व भर में भारत से अपेक्षाएं बढ़ी है, अब इसके लिए तैयार रहने के लिए हर भारतीय का दायित्व हो जाता हैं।
12:01: "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक सरकार या यूनाइटेड के दिमाग की उपज नहीं है, जिनके जीवन में योग के द्वारा परिवर्तन आया है यह उन लोगों का एक आंदोलन है ... हम इस आंदोलन को आगे ले जाएगे," प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं।
11:59: योग विश्व को एक साथ में लायेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं।
11:57: योग एक व्यायाम नहीं है, यह एक दर्शन है, प्रधानमंत्री कहते हैं।
11:56: हम एक ऐसे विश्व में रहते हैं, जो कि विभाजित और संघर्षों से भरा हुआ है, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं।
11:54: योग जाति, धर्म और समुदाय के अतिक्रमण से पर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा।
11:49: जब लोगों को इसके लाभ समझ में नहीं आते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, वे योग को शक से देखते है
11:45: "आज के पड़ोसी देशों द्वारा दिखाई एकजुटता हमें परस्पर समीप लाई है," प्रधानमंत्री कहते हैं।
11:42: यह कहा जाता है योग जीवन बदल देता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि प्राचीन भारतीय परंपरा पूरा जीवन जीने जाने के लिए दवा है।
11:40: योग चिकित्सक विश्व के हर महाद्वीप में कार्य कर रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं।
11:38: "जब मैंने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में बात की, तो मुझे क्या पता था कि इस तरह के भारी समर्थन मिल जाएगा " प्रधानमंत्री ने कहा।
11:36: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसीय सम्मेलन में संबोधित करते हैं।
11:30: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया
12.10 am: "I am indebted to the world for making International Yoga Day a success," says PM Narendra Modi as he concludes his speech at the International Yoga conference.
12.06 am: Yoga is not a commodity, it should never be commercialised, says PM Modi.
12.02 am: PM further says expectations from India has risen across the world with this event, now it becomes the responsibility of every Indian to live up to it.
12.01 am: "International Yoga Day is not the brainchild of a government or United, it is a movement of people whose lives have been changed by Yoga...we will take this movement forward," says PM Modi.
11.59 am: Yoga will bring the world together, says PM Narendra Modi.
11.57 am: Yoga is not an exercise, it is a philosophy, says the Prime Minister.
11.56 am: We live in a world that is divided and full of conflicts, says PM Modi.
11.54 am: Yoga transcends caste, creed and community, said PM Narendra Modi addressing International Yoga conference.
11.49 am: According to Prime Minister Narendra Modi, people doubt Yoga when they do not understand its benefits
11.45 am: "The solidarity shown by the neighbouring countries for today has brought us closer," says the Prime Minister.
11.42 am: It is said that Yoga transforms life, says PM Narendra Modi, adding the ancient Indian tradition is the medicine to let one live life to the fullest.
11.40 am: There are yoga practitioners in every continent of the world, says PM Modi.
11.38 am: "When I first talked about International Yoga Day, little did I know that I would get such huge response," says Prime Minister Narendra Modi.
11.36 am: Prime Minister Narendra Modi addresses International Yoga Day conference at Vigyan Bhawan in New Delhi.
11.30 am: Uttarakhand Chief Minister and Congress leader Harish Rawat also participated at an International Yoga Day event:
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
Saturday, June 20, 2015
योग द्वारा भारत ने किया विश्व का एकाकार
राजपथ के अतिरिक्त देश के प्रदेशों तथा विदेशों में केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व तथा प्रशिक्षित विशषज्ञों की देखरेख में चले महा पर्व की महा झांकी : योग द्वारा भारत ने किया विश्व का एकाकार
यह भी देखें 1) राजपथ से योगपथ, भोग भ्रष्टाचार नहीं, योग अब पहचान
http://jeevanshailydarpan.blogspot.in/2015/06/blog-post.html#
2) बाद में विज्ञान भवन में चला अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मलेन का आयोजन :
राजपथ के अतिरिक्त देश के प्रदेशों तथा विदेशों में केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व तथा प्रशिक्षित विशषज्ञों की देखरेख में चले महा पर्व का वर्णन देखें:
यह भी देखें 1) राजपथ से योगपथ, भोग भ्रष्टाचार नहीं, योग अब पहचान
http://jeevanshailydarpan.blogspot.in/2015/06/blog-post.html#
2) बाद में विज्ञान भवन में चला अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मलेन का आयोजन :
राजपथ के अतिरिक्त देश के प्रदेशों तथा विदेशों में केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व तथा प्रशिक्षित विशषज्ञों की देखरेख में चले महा पर्व का वर्णन देखें:

राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने 21 जून 2015 को नई दिल्ली में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए राष्ट्रपति भवन में, एक जन योग घटना के उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए।

सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल दलबीर सिंह, वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा और नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल आर.के. Dhowan 21 जून 2015 को नई दिल्ली में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजपथ पर बड़े पैमाने पर योग प्रदर्शन में भाग लेता है।
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प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी 21 जून 2015 को नई दिल्ली में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजपथ पर बड़े पैमाने पर योग प्रदर्शन में भाग लेता है।
વડાપ્રધાન શ્રી નરેન્દ્ર મોદી જૂન 21, 2015 ના રોજ નવી દિલ્હી, આંતરરાષ્ટ્રીય યોગ ડે પ્રસંગે રાજપથ ખાતે સામૂહિક યોગ નિદર્શન ભાગ લે છે.
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প্রধানমন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদি জুন 21, 2015 উপর নয়া দিল্লি, আন্তর্জাতিক যোগ দিবস উপলক্ষে রাজপথ এ ভর যোগ বিক্ষোভের অংশগ্রহণ করে.
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ಪ್ರಧಾನಿ, ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ ಜೂನ್ 21, 2015 ಮೇಲೆ ದಹಲಿ ರಲ್ಲಿ, ಇಂಟರ್ನ್ಯಾಷನಲ್ ಯೋಗ ದಿನದ ಅಂಗವಾಗಿ ರಾಜಪಥ್ ಸಾಮೂಹಿಕ ಯೋಗ ಪ್ರದರ್ಶನ ಭಾಗವಹಿಸುತ್ತದೆ.
പ്രധാനമന്ത്രി, ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോഡി ജൂൺ 21, 2015 ന്യൂഡൽഹി, അന്താരാഷ്ട്ര യോഗ ദിനത്തോടനുബന്ധിച്ച് രാജ്പഥ് ന് ജനകീയ യോഗ പ്രകടനം പങ്കെടുക്കുന്നെങ്കിൽ.
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பிரதமர் நரேந்திர மோடி ஜூன் 21, 2015 அன்று புது தில்லி, சர்வதேச யோகா தினத்தை முன்னிட்டு ராஜ்பாத்தின் வெகுஜன யோகா ஆர்ப்பாட்டத்தில் பங்கேற்கிறது.
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ప్రధాన మంత్రి, శ్రీ నరేంద్ర మోడీ జూన్ 21, 2015 న న్యూ ఢిల్లీలో అంతర్జాతీయ యోగ దినోత్సవం సందర్భంగా రాజ్పథ్ వద్ద సామూహిక యోగా ప్రదర్శన లో పాల్గొంటుంది.
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पंतप्रधान, नरेंद्र मोदी, 21 जून 2015 रोजी नवी दिल्ली येथे आंतरराष्ट्रीय योग दिनानिमित्त राजपथ वस्तुमान योग प्रात्यक्षिक सहभाग.
ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਨਰਿੰਦਰ ਮੋਦੀ ਨੂੰ 21 ਜੂਨ, 2015 ਨੂੰ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ, ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗਾ ਦਿਵਸ ਦੇ ਮੌਕੇ 'ਤੇ ਰਾਜਪਥ' ਤੇ ਜਨਤਕ ਯੋਗਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਵਿਚ ਹਿੱਸਾ.
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وزیر اعظم، شری نریندر مودی 21 جون، 2015 کو نئی دہلی میں بین الاقوامی یوگا دن کے موقع پر راج پتھ پر بڑے پیمانے پر یوگا مظاہرے میں حصہ لیتا ہے.
يشارك رئيس الوزراء، شري نارندرا مودي في المظاهرة اليوغا الجماعية في طريق راج بمناسبة يوم اليوغا الدولي، في نيودلهي في 21 يونيو 2015.
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Le Premier ministre, Shri Narendra Modi participe à la démonstration de yoga messe à Rajpath à l'occasion de la Journée internationale de Yoga, à New Delhi le 21 Juin 2015.
Der Ministerpräsident, Shri Narendra Modi beteiligt sich an der Massendemonstration am Yoga Rajpath anlässlich des Internationalen Yoga Tag, in Neu-Delhi am 21. Juni 2015.
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Il Primo Ministro, Shri Narendra Modi partecipa alla manifestazione yoga di massa a Rajpath, in occasione della Giornata Internazionale di Yoga, a Nuova Delhi il 21 giugno 2015.
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Die Eerste Minister, Shri Narendra Modi neem in die massa joga demonstrasie by Rajpath op die geleentheid van die Internasionale Dag Joga, in Nieu-Delhi 21 Junie 2015.
ראש הממשלה, שרי Narendra Modi משתתף בהפגנה ההמונית ביוגה Rajpath לרגל היום בינלאומי ליוגה, בניו דלהי ב -21 ביונים 2015
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ՀՀ վարչապետը, Shri Narendra Modi մասնակցում զանգվածային յոգայի հանրահավաքին ժամը Rajpath կապակցությամբ միջազգային Յոգա օրը, Նյու Դելիում հունիսի 21-ին 2015 թ.
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Premijer, Shri Narendra Modi učestvuje u masovnim joge demonstracije na Rajpath povodom Međunarodnog joge dan, u New Delhi 21. jun 2015.
Министър-председателят, г-н Нарендра Моди участва в масово йога демонстрация в Rajpath по повод Международния ден на йога, в Ню Делхи на 21 Юни, 2015.
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Ministerský předseda, Shri Narendra Modi podílí na masové demonstrace na józe Rajpath u příležitosti Mezinárodního dne jógy, v Novém Dillí 21. června 2015.
Statsministeren, Shri Narendra Modi deltager i massen yoga demonstration ved Rajpath i anledning af International Yoga Day, i New Delhi den 21. juni 2015.
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De minister-president, Shri Narendra Modi participeert in de massa yoga demonstratie op Rajpath ter gelegenheid van de Internationale Dag van de Yoga, in New Delhi op 21 juni 2015.
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La Ĉefministro, Shri Narendra Modi partoprenas en la maso jogo manifestacio je Rajpath okaze de Internacia Jogo Tago, en Nov-Delhio sur junio 21, 2015.
Prime Minister, massa Shri yoga Narendra demonstratio Modi Rajpath participat Yoga International occasione die XXI mensis Iunii anno in Dellium, MMXV.
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Ang Punong Ministro, Shri Narendra Modi nakikilahok sa mga mass yoga demonstration sa Rajpath sa okasyon ng International Yoga Day, sa New Delhi noong Hunyo 21, 2015.
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Pääministeri, Shri Narendra Modi osallistuu massan jooga mielenosoituksen Rajpath, kun kansainvälisen Jooga päivä, New Delhi 21 kesäkuu 2015.
نخست وزیر، شری نارندرا در 2015 ژوئن 21 شرکت در تظاهرات یوگا دسته جمعی در Rajpath به مناسبت روز بین المللی یوگا، در دهلی نو.
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Ministras Pirmininkas, Šri Narendra Modi dalyvauja masinio jogos demonstravimo Rajpath dėl Tarptautinės jogos dienos proga, Naujasis Delis birželio 21 2015 metais.
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Il-Prim Ministru, ¯ Narendra Modi tipparteċipa fil-dimostrazzjoni yoga massa fil Rajpath fl-okkażjoni tal-Jum Internazzjonali Yoga, fi New Delhi fis 21 Ġun 2015.
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Statsministeren, Shri Narendra Modi deltar i masse yoga demonstrasjon på Rajpath i anledning International Yoga Day, i New Delhi 21. juni innen 2015.
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O Primeiro-Ministro, Shri Narendra Modi participa na manifestação em massa em yoga Rajpath, por ocasião do Dia Internacional de Yoga, em Nova Delhi, 21 de junho de 2015.
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Премьер-министр Шри Нарендра Моди участвует в массовой демонстрации в йоге Rajpath по случаю Международного дня йоги, в Нью-Дели 21 июня 2015.
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El presidente del Gobierno, Shri Narendra Modi participa en la demostración de yoga misa en Rajpath con motivo del Día Internacional de Yoga, en Nueva Delhi el 21 de junio de 2015.
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นายกรัฐมนตรีจากช Narendra Modi มีส่วนร่วมในการสาธิตโยคะมวลที่ Rajpath ในโอกาสวันโยคะนานาชาติในนิวเดลีเมื่อวันที่ 21 มิถุนายน 2015
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Прем'єр-міністр Шрі Нарендра Моді бере участь у масовій демонстрації в йозі Rajpath з нагоди Міжнародного дня йоги, в Нью-Делі 21 червня 2015.
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Thủ tướng Chính phủ, Shri Narendra Modi tham gia vào các cuộc biểu tình hàng loạt yoga tại Rajpath nhân dịp ngày Quốc tế Yoga, tại New Delhi vào ngày 21 Tháng Sáu 2015.
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ஜூன் 21, 2015 அன்று புது தில்லி ராஜ்பாத்தின் சர்வதேச யோகா தினத்தை முன்னிட்டு உரையாற்றிய பிரதமர் நரேந்திர மோடி,.
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ಜೂನ್ 21, 2015 ಮೇಲೆ ದಹಲಿ ರಲ್ಲಿ ರಾಜಪಥ್ ಅಂತರರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಯೋಗ ದಿನದ ಅಂಗವಾಗಿ ಸಭೆಯೊಂದರಲ್ಲಿ ಪ್ರಧಾನಿ, ನರೇಂದ್ರ ಮೋದಿ,.
જૂન 21, 2015 ના રોજ નવી દિલ્હીમાં રાજપથ ખાતે ઇન્ટરનેશનલ યોગા ડે પ્રસંગે ભેગી સંબોધન વડાપ્રધાન શ્રી નરેન્દ્ર મોદી.
21 जून, 2015 रोजी नवी दिल्ली येथे राजपथ येथे आंतरराष्ट्रीय योग दिनानिमित्त संबोधित पंतप्रधान, नरेंद्र मोदी,.
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21 जून को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजपथ पर श्री नरेन्द्र मोदी, आयुष (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए राज्य 2015 मंत्री श्री श्रीपाद येस्सो नाइक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हैं।
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आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्रीपाद येस्सो नाइक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए नई दिल्ली में 21 जून को, 2015 प्रधान मंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित है।

21 जून 2015 पर केडी सिंह बंधु स्टेडियम, लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेने वाले केंद्रीय गृह मंत्री, श्री राजनाथ सिंह।

21 जून 2015 को गुवाहाटी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में सभा को संबोधित युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री सर्बानंदा सोनोवाल।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए.के. मित्तल रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 21 जून 2015 को नई दिल्ली में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेते हुए।
ਚੇਅਰਮੈਨ, ਰੇਲਵੇ ਬੋਰਡ ਦੇ, ਸ਼੍ਰੀ A.K. ਰੇਲਵੇ ਮੰਤਰਾਲੇ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀ ਨਾਲ ਮਿੱਤਲ 21 ਜੂਨ, 2015 ਨੂੰ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ, ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗਾ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਵਿਚ ਹਿੱਸਾ.

रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु 21 जून 2015 को कोच्चि, केरल में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर, बड़े स्तर पर योग प्रदर्शन में भाग लेते हुए।
ਰੇਲਵੇ ਲਈ ਯੂਨੀਅਨ ਮੰਤਰੀ, ਸ਼੍ਰੀ ਸੁਰੇਸ਼ ਪ੍ਰਭਾਕਰ ਪ੍ਰਭੂ ਜੂਨ 21, 2015 'ਤੇ ਕੋਚੀ, ਕੇਰਲ ਵਿੱਚ, ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗਾ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਦੇ ਮੌਕੇ' ਤੇ, ਜਨਤਕ ਯੋਗ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਵਿਚ ਹਿੱਸਾ.

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर 21 जून 2015 को देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान पर, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, बड़े स्तर पर योग प्रदर्शन में भाग लेते हुए।

बिजली, कोयला और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री पीयूष गोयल 21 जून 2015 को मुंबई में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, बड़े स्तर पर योग प्रदर्शन में भाग लेते हुए।
The Union Minister for Heavy Industries and Public Enterprises, Shri Anant Geete and the Minister of State (Independent Charge) for Power, Coal and New and Renewable Energy, Shri Piyush Goyal participates in the mass yoga demonstration, on the occasion of International Yoga Day, in Mumbai on June 21, 2015. भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री श्री अनंत गीते और बिजली, कोयला और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री पीयूष गोयल, मुंबई में 21 जून 2015 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, बड़े स्तर पर योग प्रदर्शन में भाग लेते हुए।


श्रम और रोजगार (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री, 21 जून को हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभा को संबोधित करते श्री बंडारु दत्तात्रेय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 2015 मंत्री श्री जेपी नड्डा भी उपस्थित है।
The Minister of State for Petroleum and Natural Gas (Independent Charge), Shri Dharmendra Pradhan participates in the mass yoga demonstration on the occasion of the International Yoga Day Celebrations, at Jawaharlal Nehru Indoor Stadium, Cuttack, Odisha on June 21, 2015.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री, श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 21 जून 2015 को जवाहर लाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर बड़े स्तर पर योग प्रदर्शन में भाग लेते हुए कटक, उड़ीसा में।
पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण करहम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
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