इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!"- तिलक
Wednesday, August 31, 2011
आज का सत्य व धर्म युद्ध !
आज का सत्य व धर्म युद्ध !
- तिलक, संपादक युग दर्पण 9911111611"अंधेरों के जंगल में,दिया मैंने जलाया है!
इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!"- तिलक
हम उधर हाथ बढ़ाते हैं,
जिसे पाना सरल हो,
फिर चाहे वो गरल हो,
हमारी आकांक्षा रहती है
वही पाने की,
जिसे पाना सरल नहीं होता;
क्योंकि जो सहज सुलभ होता है
वह आकांक्षा नहीं जगाता,
वह विनीत होता है;
विनय को कौन सुनता है
शक्ति की सदा पूजा होती है,
चाहे वो शक्ति सत्ता की हो,
भुज बल, धन बल अथवा हो जन बल की,
जब सत्ता निरंकुश हो जाये अधर्म कहलाता है,
उस पर अंकुश धर्म,
सत्ता उस अंकुश को माने तो धर्म सत्ता,
न माने तो
धर्म व न्याय की रक्षा में होता है
धर्म युद्ध.
इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!"- तिलक
Saturday, August 6, 2011
youtube/Desh bhakti ke Geet (8) & facebook Link.
स्वतंतरता दिवस के शुभ अवसर पर "देश भक्ति के गीत" गाने, सुनने, अथवा गुनगुनाने का मन करे तो
http://www.youtube.com/user/DoorDarpan/Desh bhakti ke Geet (8) देश भक्ति के गीत - तिलक संपादक युग दर्पण 09911111611.
.com/profile.php?id=100002369147267
"अंधेरों के जंगल में,दिया मैंने जलाया है! इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!"- तिलक
http://www.youtube.com/user/DoorDarpan/Desh bhakti ke Geet (8) देश भक्ति के गीत - तिलक संपादक युग दर्पण 09911111611.
Tilak raj relan is available on Face Book,http://www.facebook.com/people/Tilak-Rel an/100002369147267.
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