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एक गधे को नेतागीरी का चस्का लगा! दीवाली के पूर्व, जनता को सलाह देने लगा- पटाखे आतिशबाजी का उपयोग न करें !!
मैंने उससे पूछा, क्या बकरीद से पूर्व भी ऐसी सलाह दी थी, बिना जीव हत्या के बकरीद मनाएं।
तो बोला- नहीं। पास खड़े दूसरे व्यक्ति ने पूछा, तूँ मुस्लिम है क्या ? फिर बोला -नहीं। तीसरे ने पूछा -अबे अपनी माँ से तो पूछ, कहीं लव जिहाद में फँसी हो, अपना पहला प्रेम नहीं भूली होगी,
तभी उनसे तेरा खून का रिश्ता बोलता है।
ये है, हिन्दू विरोधी, राष्ट्र द्रोही, शर्म निरपेक्षों की डीएनए जाँच !!!
उत्तिष्ठत अर्जुन, उत्तिष्ठत जाग्रत !!
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
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