नई दिल्ली, 11 मार्च: जब व्हार्टन बिजनेस स्कूल में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्च बाद में संभावित मुख्य वक्ता के रूप में भाषण के रद्द करने की बात से आनंदित मोदी विरोधियों का मुह बंद हो गया। विडियो संपर्क के माध्यम गांधीनगर से मोदी ने भाषण में सीधा प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया है। सन्देश स्पष्ट था धर्मनिरपेक्षता का अर्थ भारत विरोध नहीं होता। अपने संबोधन में मोदी ने "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" का मंत्र दिया और कहा कि भारतीयों को इस मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा है कि उसके लिए, धर्मनिरपेक्षता- "भारत प्रथम " का अर्थ है, "हम जो भी करते हैं, यह भारत के लिए होना चाहिए। भारत, उसके सम्मान, लोगों के सपनों को हमें कभी प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। भारत पहले यह होना चाहिए । "यदि हम इस दृष्टिकोण का पालन करें, तो धर्मनिरपेक्षता हमारी नसों के माध्यम से स्वचालित रूप से पाठ्यक्रम होगा।"
गुजरात के मुख्यमंत्री ने हिंदी में दिये लगभग एक घंटे के लंबे भाषण में कहा, "हम भारत के हितों के रूप में उसकी प्रतिष्ठा, सपने या अपने युवाओं के भविष्य की किसी भी मुल्य पर पीड़ित करने की अनुमति नहीं देंगे।" ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के द्वारा आयोजित तथा सीधे प्रसारित किये गये भाषण में न्यू जर्सी और शिकागो, अमेरिकी राज्यों में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकियों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। गुजरात पर बोलते हुए मोदी ने कहा, "गुजरात ने कभी नहीं कहा है कि वहाँ कोई समस्या या कमियाँ नहीं हैं। किन्तु हमें विश्वास है, हम उनका निराकरण कर लेंगे।" "जब हमें 5 वर्ष का जनादेश मिलता है, हम उसमें काम करते और लोगों की नि: स्वार्थ सेवा करते हैं तब यदि हम गलतियां करते हैं तो लोग हमारी गलतियों को माफ कर देंते हैं," मोदी ने कहा। दिसम्बर 2012 में मोदी के नेतृत्व में, भाजपा निरंतर 3 बार सत्ता में आने में सफल रही।
भाषण यहाँ सुनें:-
https://www.youtube.com/watch?v=PBWcVuJ3VWU&list=PL9F0886BCCB267DD1&index=52
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
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