देश का युवा शिक्षित हो कर भी देश समाज के विषय में भ्रमित क्यों?
केवल युवा ही नहीं पूरे समाज में भ्रम का वातावरण बनाने में लगा, बिकाऊ मीडिया किस सीमा तक गिर चुका है; इसका एक अंश नीरा राडिया कांड ने दिखा दिया! मेरी जिस बात को 10 वर्ष पूर्व समझने में लोगों को कठिनाई आती थी, अब अधिकांश लोग जान ही नहीं मान भी रहे हैं! उसी नकारात्मक मीडिया का सार्थक विकल्प 10 वर्ष से ही "राष्ट्रीय साप्ताहिक युगदर्पण हिंदी"!
विडम्बना यह है कि जो युवा समाज की शक्ति का स्त्रोत होना था; मैकालेवादी शिक्षा ने उसे अन्य विषयों में पारंगत बनाते हुए भी भारतीयता की शिक्षा से विमुख रखा! जिससे एक ओर वो पश्चिमानुरागी बने, स्वयं को शिक्षित मान भारतीयता से ही विमुख हो जाये! किन्तु जहाँ वे कुछ सफल भी हुए, तहाँ प्रबल पारिवारिक संस्कार ने स्थिति का संभाला भी है! पश्चिमी कुचक्र केवल समाज जीवन के एक दो क्षेत्रों तक सीमित नहीं थे, किन्तु उनकी रोक, जो कभी हुई भी तो सीमित आयामों के कारण, उतनी व्यापक व प्रभावी न हो सकी! मीडिया के ही माध्यम उन विभिन्न आयामों को जानने का प्रयास है विविध विषयों के 25 ब्लाग:-
युग दर्पण हिंदी राष्ट्रीय समाचारपत्र
(भारत सरकार के सूचना प्रसारण के समाचार पत्र पंजीयक द्वारा पंजी RNI DelHin 11786/2001) 9वर्ष पूर्व स्वस्थ समाचारों के प्रतिनिधि बना युगदर्पण अब उनके प्रतीक के रूपमें पहचाना जाता है. विविधतापूर्ण किन्तु सप्तगुणयुक्त- सार्थक,सटीक,स्वस्थ,सोम्य, सुघड़,सुस्पष्ट,व सुरुचिपूर्ण पत्रकारिता का एक ही नाम युगदर्पण. पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण(हरयाणा/पंजाब में सूचीबद्ध).निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611,
देश की मिटटी से जुडे लोगों का मंच.-- नई तकनीक स्वीकारने के साथ ही विश्व को भारत की वो सौगात /उन महान मूल्यों की रक्षा, हर हाल करना, व्यापक मानवीय आधार है. द्वार खुले रखने का अर्थ अँधानुकरण/प्रदुषण स्वीकारने की बाध्यता नहीं.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्क सूत्र -तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678, 09540007993
देश की मिटटी--
देश केवल भूमि का एक टुकड़ा,एक आरामगाह,एक बाज़ार,समझते हैं जो लोग,कितना ही लुटा दो उन पर संतुष्ट नहीं होते.वो जानते हैं शोर मचाकर और लूट सकते हैं,कर्तव्य नहीं है कुछ उनका,अधिकारों का मचाते शोर हैं.कर्तव्य हिन्दू के अधिकार दूसरों के-यह आज़ादी कैसी व किस की? इसमें वोटबैंक राजनीति,देश की सुरक्षा से खिलवाड़,किसी के हित में नहीं,स्वार्थवश राष्ट्रद्रोह है-तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678,9540007993
"कार्य ही पूजा है/कर्मण्येव अधिकारस्य मा फलेषु कदाचना" दृष्टान्त का पालन होता नहीं,या होने नहीं दिया जाता, जो करते हैं उन्हें प्रोत्साहन की जगह तिरस्कार का दंड भुगतना पड़ता है. आजीविका के लिए कुछ लोग व्यवसाय,उद्योग,कृषि से जुडे, कुछ सेवारत हैं रेल,रक्षा. सभी का दर्द उपलब्धि, तथा परिस्थितियों सहित कार्यक्षेत्र का दर्पण. तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,0954000799
पर्यावरण दर्पण:- आधुनिकता के प्रदूषण से संरक्षण
-आधुनिक विकास के नाम पश्चिमी मशीनीकरन स्वचालित अँधानुकरण से सृजन नहीं गैस उत्सर्जन होता है.यही नहीं आडम्बर में प्रयुक्त लकड़ी हेतु वृक्ष काट कर प्रकृति का विसर्जन होता है.सृष्टी में जीवन को चाहिए शुद्ध जल और शुद्ध वायु. जलवायु/पर्यावरण के संरक्षण हेतु जुटें. तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993
पर्यटन केवल उद्योग ही नहीं है,यह इतिहास को भी जीवित रखता है,धरोहर से परिचित करता है.भारत जब तक इतिहास को जीता था भारत था,'इंडिया' बन,इतिहास भूलने व बिगाड़ने की पतन की राह चलने लगा है. परिणाम यूनान मिस्त्र रोम से भी घातक होगा. कुछ लोग इतिहास पड़ते,पढ़ाते हैं कुछ बिगाडते हैं.हम वो(भारत माता के लाल)हैं जो अनुकरणीय इतिहास घडते/ रचते है.तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09911145678,09540007993
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था,आजभी इसमें वह गुण,योग्यता व क्षमता विद्यमान है.किन्तु प्रकृति के संसाधनों व उत्कृष्ट मानवीयशक्ति से युक्त इस राष्ट्रको काल का ग्रहण लग चुका है.जिस दिन यह ग्रहणमुक्त हो जायेगा,पुनः विश्वगुरु होगा. राष्ट्रोत्थानका यह मन्त्र पूर्ण हो,आइये,युगकी इस चुनोतीको भारतमाँ की संतान के नाते स्वीकारकर हम सभी इसमें अपना योगदान दें.निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता वyugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक.संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
समाज के उच्च आदर्श,मान्यताएं,नैतिक मूल्य और परम्पराएँ कहीं लुप्त होती जा रही हैं. विश्व गुरु रहा वो भारत इंडिया के पीछे कहीं खो गया है. ढून्ढ कर लाने वाले को पुरुस्कार कुबेर का राज्य.तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678,9540007993.
सत्यदर्पण:-
कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?
-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए.जो उनके राज में न हो सका पूरा,मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले.विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है.देश को लूटा जा रहा है.दिन के प्रकाश में सबके सामने सफेद झूठ;और अंधकार में लुप्त सच्च.भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो साधू वेश में फिर आया रावण.-तिलक
तक्षशिला और नालंदा विश्व विद्यालयों को अग्नि की भेंट कर वो कहते हैं तुम अज्ञानी हो,पश्चिम की शिक्षा को ही कल्याण का मार्ग समझाया जाता है.सत्य हम जानते हैं,हमें यह नहीं,विश्व गुरु की शिक्षा चाहिए.
पश्चिमके कदम सदा लूट केलिए उठे,हमारे पग सदा विश्वकल्याण हेतु आगे बड़े.जिस देश में गए,शोषण नहीं किया अर्थ व्यवस्था को उठाया.ऐसे समाज के प्रति मिडिया दुष्प्रचारसे ऑस्ट्रेलिया जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति,अन्यत्र हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है विश्वदर्पण. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678,9540007993.
कभी रेल सा दौड़ता है यह जीवन. कहीं ठेलना पड़ता. रंग कुछ भी हो हंसते या रोते हुए जैसे भी जियो, फिर भी यह जीवन है. सप्तरंगी जीवन के विविध रंग, उतार चढाव, नीतिओं विसंगतियों के साथ दार्शनिकता व यथार्थ जीवन संघर्ष के आनंद का मेला है- तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें, संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
जीवन में हास्य ठिठोली आवश्यक भले ही हो,किन्तु जीवन ही कहीं ठिठोली न बन जाये यह भी देखना होगा.सबको साथ ले हंसें किसी पर नहीं! मनोरंजन और छिछोरापन में अंतर है.स्वतंत्रता और स्वच्छंदता में अंतर है.अधिकार से पहले कर्तव्यों को भी समझें. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/ चैट करें, संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09911145678,09540007993
काव्यांजलिका:-
कवियों, लेखकों का शुभ्रमंच:-विश्व को नौ रस समझा कर, प्रत्येक में मूर्धन्य महाकवियों से समृद्ध भारत में दिनकर के बाद, भांड और भाट, पूछे और पूजे जाने लगे, तब और दिनकर कहाँ से पैदा होंगे? समुन्द्र से गहरा, वासनामुक्त हो-साहित्य.तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
प्रबुद्ध एवं राष्ट्रवादी कलमरथियो,
काव्यांजलिका में हिन्दी की समस्त विधाओं में रचित अप्रकाशित,मौलिक तथा स्तरीय रचनाओं का स्वागत है। रचनाकार अपनी रचनाएं हिन्दी के किसी भी फोंट में माईक्रोसोफट वर्ड अथवा पेजमेकर में टाईप कर, स्वरचित है इसका सत्यापन कर yugdarpan@gmail.com पर भेज सकते है,प्राथमिकता दी जाएगी। । यदि किसी अप्रत्याशित कारणवश रचनाएं एक सप्ताह तक प्रकाशित ना हो पाए अथवा किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त ना हो पाए तो कृपया पुनः स्मरण दिलवाने का कष्ट करें। ये आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद
रचनाकार का
CHETNA KE DO AYAM
Rashtra ke gaurav aur vyaktiyon ki urja nashta hone se bachana . Ek or aitihasik tathyon ko todmarod kar bhramit karne va logon ko durvyasanon /vyadhion ka shikar banane ke kuchakra samjhen /unse mukti payen."NASHAA"--Desh ki Urjaa v Samarth ko nashta karneke kuchakra kaa hi Naam hai.Bhaarat ko Arth v Bal se khokhlaa karneke Kuchakra mein lage tatva ise phailaa rahe hain.FFC v Nashekaa ApraadhJagat se gehraa sambandh hai.Kuchakra Kusanga Vikruti Bigaarhaa,
Yahee Raashtrake Shatru Hamaaraa. Nasheki latase Gharko Ujaarhaa,Ab bhee chetyen,Phailey Ujiyaaraa.Feelfree to Comment on/follow/subsc.blogs, Email/Chat-yugdarpanh on Yahoo/Ggl, contact Tilak Editor YugDarpan 09911111611, 09911145678,09540007993
फिल्म फैशन क्लब फंडा :--(चमकता काला सच)
मृगतृष्णा रेगिस्तान में भटका देती है,यह जानते हैं सब लोग;फिर भी चमक से खिच जाते कुछ लोग,क्या है फिल्म,फैशन,क्लब का सच? उद्योग के रूप में मान्यता लेकर सरकार से सुविधा व पोषण भी पाते हुए अपराध,अनैतिकता व असामाजिकता के प्रशिक्षण केंद्र बन चुके इसके वर्तमान स्वरूप के कारण समाज के मूल्य,आदर्श,परम्पराएँ,अंतिम साँस लेरहे हैं.अपराध का हाथ,'फिफैक्लब' केसाथ.(निस्संकोच ब्लॉगपर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
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तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें
कभी विश्व गुरु रहे भारत की धर्म संस्कृति की पताका, विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये. सार्थक और सटीक जानकारी का दर्पण. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
सुखसुविधा की खोजमें आज की भागदौड़ ने हमारे जीवनसे स्वस्थ व शांति को छीन हमें विचलित कर दिया है.तन,मन व वातावरण सहित पूरा परिवेश पश्चिमकी भेंट चढ़ गया है.उसे सही मार्ग पर लाने हेतु खानपान,रहनसहन,रीतिरिवाज़ सहित संस्कारित करने हेतु तत्त्वज्ञान,वास्तु,योग,आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवनको उचित शैली में ढाल सकते हैं.यदि आप इस विषयमें विशेष योग्यता रखते है,लिखें,निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678.
कभी ज्ञान विज्ञान से विश्व गुरु बना भारत आज विश्व पिच्छलग्गू बन चुका है, हनुमान की भांति जब निज विस्मृति(lostMemory) से बाहर आयेगा, वैदिक ज्ञान की आभा(glory) पहचानेगा,चमकाएगा; तब तक केवल नारे से भ्रमायेगा. स्वर्ण युग की उस शक्ति को पहचान देगा ज्ञानविज्ञान दर्पण. तिलक.(Join us to Build StrongBHARAT निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678, 09540007993.
घर 4 दीवारी से नहीं 4 जनों से बनता है,परिवार उनके प्रेम और तालमेल से बनता है. सभी कार्यों को जोड़ कर साधना,सफल गृहणी का काम है. नौकरीवाली से पैसा बनेगा/घर नहीं. प्रभाव और दुर्भाव में,आधुनिक/पारिवारिक तालमेल से उत्तम घर परिवार से देश आगे बड़े. रसोई,बच्चों-परिवार की देख भाल,गृह सज्जा के बीच अपने लिए भी ध्यान देती शिक्षित नारी-(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैटकरें, संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678,09540007993.
घड़ा कैसा बने?-इसकी एक प्रक्रिया है.कुम्हार मिटटी घोलता,घोटता,घढता व सुखा कर पकाता है! शिशु,युवा,बाल,किशोर व तरुण को संस्कार की प्रक्रिया युवा होते होते पक जाती है!राष्ट्र के आधारस्तम्भ, सधेहाथों, उचितसांचे में ढलने से युवा समाज व राष्ट्र का संबल बनेगा: यही हमारा ध्येय है!"अंधेरों के जंगल में,दिया मैंने जलाया है!इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे!!"(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09540007993.
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प्रतिभा और प्रबंधन में विश्व का श्रेष्ठतम होते हुए भी राजनिति के दुष्प्रभाव से उसे बदरंग बनाती परिस्थितियों में उचित मार्ग अपना कर श्रेष्ठता प्रमाणित की जा सकती है. देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति क्या होगी यही दर्शाने का प्रयास है.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्क सूत्र -तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611,09911145678,09540007993
"अंधेरों के जंगल में,दिया मैंने जलाया है! इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!"- तिलक
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